क्रिया
क्रिया
क्रिया : जिस शब्द से किसी काम का करना या होना समझा जाय, उसे क्रिया कहतें |
क्रिया : जिस शब्द से किसी काम का करना या होना समझा जाय, उसे क्रिया कहतें |
क्रिया के प्रकार :
सकर्मक क्रिया: जिन क्रियाओं को कर्म की आव्यशकता होती है |
जैसे: श्याम खाना खाता है
जैसे: श्याम खाना खाता है
द्विकर्मक क्रिया : दो कर्म वाली क्रियाएँ | मैं लड़के को वेद पढ़ाता हूँ |
अकर्मक क्रिया : क्रियायों में कर्म की आव्यशकता नहीं होती | : जैसे पक्षी उड़ते हैं
संरचना के आधार पर ६ भेद होते हैं :
प्रेरणार्थक क्रिया : जिन क्रियाओं में कर्ता स्वयं कार्य न कर किसी दूसरे को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है जैसे::काटना से कटवाना |
नामधातु क्रिया : संज्ञा या विशेषण के साथ क्रिया जुड़ने से नामधातु क्रिया बनती हैं ||
जैसे : भस्म करना
जैसे : भस्म करना
संयुंक्त क्रिया :दो या दो से अधिक धातुओं के मिलने से बनती हैं |
जैसे : आना-जाना
जैसे : आना-जाना
पूर्वकालिक क्रिया : जब कर्ता एक क्रिया समाप्त कर उसी क्षण दूसरी क्रिया में लग जाता है तब पहली क्रिया को पूर्वकालिक क्रिया कहतें है |
जैसे : वह टीवी देखकर गीत गा रहा है
जैसे : वह टीवी देखकर गीत गा रहा है
क्रियार्थक क्रिया: जब क्रिया संज्ञा की तरह व्यवहार में आये |
जैसे : टहलना स्वस्थ्य के लिए अच्छा है
जैसे : टहलना स्वस्थ्य के लिए अच्छा है
सहायक क्रिया: किसी वाक्य को पूर्णता प्रदान करने की दृष्टि से आने वाली क्रिया |
जैसे : तुम जगे हुए थे |
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